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29 Dec 2024 · 1 min read

खालीपन

ऐ मेरे पारीजात के उपवन
व्यर्थ नहीं मेरे सच का ग्रन्थन
हंसती आली शाम सिंदुरी
तडपाती तन्हा रात की चुनरी
मुखरीत करती है नेह समुज्ज्वल
शीतल प्रभास जैसे चांद अविरल
जीवन बस सिसकता सावन
है संघर्ष महज ये खालीपन

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 30 Views

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