खाये जाओ चुपचाप
तुम खाये जाओ ,खायो जाओ चुपचाप।
और हम बढ़ाये यंहा रक्तचाप।
कोई बात नही,
दिन हमारे भी फिरेंगे ।
दो कौर सही,
तेरे साथ जलपान करेंगे।
तुम खायो जाओ, खायो जाओ चुपचाप।
आपके लिए चलो सौ खून माफ !
तुम रोज नए नए व्यंजन,
और हम यंहा अलख निरंजन,
तुम खायो जाओ खाये जाओ चुपचाप।
हम तरस रहे यंहा दाल रोटी, चावल हाफ!
वक़्त तुम गुजारो अपनो में,
हम दिन रात गुजारे सिर्फ सपनो में।
तुम खाये जाओ खाये जाओ चुपचाप।
हम भी बड़ा रहे यंहा क़मर का माप।
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