खामोश तस्वीर
कहीं बरसे बादल ।
कहीं बरसे नयन ।
बारिश से धुले मौसम ।
आसुओं से धुले मन ।
जाते हुए पल
कितने खामोश हैं !
वो चुप सी तस्वीर
यादों में बसी है ।
उस खामोश तस्वीर से
मैं बातें करता हूँ ।
लगता है उसके होंठ हिले
क्या कहा ?
सुन नहीं पाता हूँ ।
-रवि रंजन गोस्वामी