खामोश क्यूँ है तू,कुछ तो जवाब दे…
मुद्दतों के इंतज़ार का,मुझे कुछ तो खिताब दे.
खामोश क्यूँ है तू,कुछ तो जवाब दे ।
त्योहारों का क्या करूं??
गमोखुशी तो मेरी तुझसे है,
ला आज मेरे हर दर्द हर आंसू का हिसाब दे.
खामोश क्यूँ है तू,कुछ तो जवाब दे.
कागज पे अरमान बयां कर दिये मैंने,
इस मेहनत का मेरी,कुछ तो शबाब दे
खामोश क्यूँ है तू,कुछ तो जवाब दे ।
**##@@कपिल जैन@@##**