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26 May 2023 · 1 min read

खामोश आवाज़

कभी तुम कभी तुम्हारा
अक्स बातें किया करता है
तुम न सही
तुम्हारा अहसास जिया करता है

तुम्हारी खामोश आँखों से बह कर
एक कतरा
मेरी धड़कन में समा गया है..
सांस लेता,
जिंदा है आज भी हर उस धड़कन में
तुम्हारी खामोश आवाज़ के साथ जी रहा है !

निहारती उस आसमां को मेरी नज़र
तुम्हारे उदास अक्स को देख
कुछ यूँ झाँक लेती है
मन पर कोई टोना तो नहीं हुआ..
झट से तुम्हारी नज़र उतार देती है !

तुम न सही, तुम्हारी परछाई
मेरा एहसास बन गयी है
हाथों में रहती हर रेखा
तुम्हारी सांस बन गयी है
जी रहे हो तुम मेरे वजूद में यहीं,
तुम्हारा जाना अब तक मन ने माना ही नहीं….!

जानते हैं,तुम भी यहीं रहते हो
हर गलत बात पर टोक देते हो
आदत कहाँ इतनी जल्दी बदलती है
तुम्हारी नज़र मेरी हर गलती पर रहती है
और बारिश अब भी मेरी आँखों से ही बहती हैं !

कभी तुम कभी तुम्हारा अक्स
हमसे बातें किया करता है
तुम न सही ,
तुम्हारा अहसास जिया करता है !

…..डॉ सीमा (कॉपीराइट)

Language: Hindi
1 Like · 257 Views
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