खामोशी
जबसे गई हो तुम ए सनम दिल मेरा खामोश हैं।
बन्द है धडकन रुक गयी सांसे शब्द मेरे खामोश हैं।
यादे तेरी बाते तेरी आवाज भी खामोश हैं।
तेरी अदाए प्यार की फिदाए हवाऐ भी खामोश हैं।
गीत तेरे संगीत मेरे सुर भी अब खामोश हैं।
सावन के झूले बागो के फुले भौरे भी खामोश है।
पायल की झमझम ढफली की डमडम
हाथ मेरे खामोश हैं।
घर के आंगन गाँव की गलिया
राहे भी खामोश हैं।
रात की चांदनी चमचम करती सितारे भी खामोश हैं।
चारो तरफ हैं छाया सन्नाटा सारी दिशाऐ खामोश हैं।
आँखे हमारी भर आई हैं पर आंशु भी खामोश हैं।
देख के सबकी येसी हालत खामोशियाँ भी खामोश हैं।।।।।।।।।।।।।।।।।