खामोशी
********* खामोशी ********
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जब दिल मे छा जाती है मदहोशी
मुखड़े पर आ जाती है खामोशी
शब्दों का छूट जाता है संग साथ
जज्बात नजर आते बन खामोशी
नशा जब छा जाए इश्क खुमारी
दुनिया से दूर छायी रहे खामोशी
कहीं कभी लग जाए दिल पे चोट
दर्द ए गम भर दे दिल में खामोशी
कोई अपना बन के दे जाए धोखा
टूटते अरमान उपहार में खामोशी
जीवन में हो गर दुखो का भंडार
दुखदायी जिन्दगी में हो खामोशी
मनसीरत मन का मीत जाए छूट
सच्चा मित्र बन जाती है खामोशी
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)