खामोशी से तुझे आज भी चाहना
खामोशी से तुझे आज भी चाहना
मुझे बेहद अच्छा लगता है,
तुम बढ़ चुकी हो अपने जीवन में बहुत आगे
पर चुपके से तुझे देखकर तुझे चाहते रहना
मुझे बेहद अच्छा लगता हैं।
माना कि तुझे तो एहसास भी नहीं कि
मुझे आज भी तेरी कितनी जरूरत है,
पर तुम खुश हो ये देखकर मुझे भी
सुकून मिलता हैं।
सोचा नहीं था कभी कि हमें भी
किसी से यू इस कदर मोहब्बत होगी।
लेकिन अब जो हुई है तो ये बेहद
हसीन सी लगती हैं।
ठहरना तो हम भी चाहते थे
हर पल साथ तेरे पर
मेरे किस्मत में तेरा साथ ही जब मुकम्मल नहीं
तो ये मोहब्बत भी अधूरी सी लगती हैं।
मिलते तो बहुत लोग है जीवन में
पर तेरे साथ होने से जो एहसास होता था
अब वो ना जाने क्यों वो एहसास
किसी और से नहीं मिलता।
साथ तो सब अच्छे से ही निभाते हैं
पर न जाने क्यों किसी का साथ
अब अच्छा नहीं लगता।
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