खामोशियों की मीठी जुवान
खामोशियो की ,
होती है मीठी जुबान।
सरगोशियाँ कहती है ,
एक नई कहानी।
ऐसे ही जिंदगी में हर ,
जज्बा होता है जरूरी।
फल की चिता के,
बिना किये गए कर्म।
विनम्र प्ररार्थनाओ से,
जीवन बनता है अर्थवान।
वही भय से मुक्ति पाकर ही
जीवन धर्म का पालन,
सही तरीके से है सम्भव।
राम कृष्ण बुद्ध मानव
महामानव तभी तो बने।
जब सूनी उन्होंने
प्रकृति की धुन सूनी,
उसकी पुकार पहचानी।
स्वार्थो से ऊपर उठकर,
मानव कल्याण में सम्बध्य् हुए।
सामान् मानव जीवन का,
रूपांतरण ऐसे करे।।