खामोशियाँ
कुछ भी तो नही बदला
दोनो के दरमियां
वही तुम वही मैं
और वही खामोशियाँ
खामोशियाँ कहाँ,
जो चुप रह कर भी
ढेरों बातें करती है
चुप्पी हमारी और
आँखें तुम्हारी❤️
कुछ भी तो नही बदला
दोनो के दरमियां
वही तुम वही मैं
और वही खामोशियाँ
खामोशियाँ कहाँ,
जो चुप रह कर भी
ढेरों बातें करती है
चुप्पी हमारी और
आँखें तुम्हारी❤️