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24 Oct 2023 · 1 min read

खानदानी चाहत में राहत🌷

खानदानी चाहत में राहत🌷
💐☘️🌹🙏🌷☘️🍀🙏
गोद भरी पर सूनी आंगन
तितली उड़ रही वगिया मे

छन छन नाद नानी कीगोदी
बिन माली खाली फूलवाड़ी

खनदानी बोल है दादा की
वंश चाहत में पिड़ित दादी

ताना-बाना सुन द्विनयना
ऊपर नभ पग तल धरणी

सूखी वाणी सहज मधु नहीं
दबी हँसी पर ओढ़ न आनी

मान विधाता की बेईमानी
आस खड़़ी पड़ी खानदानी

मन्नत मांग रही नाना-नानी
बेचैनी में दबी है दादा दादी

सब्र कहाँ जो थाम सके ये
चिंता से घटा रहे निज काया

माया की चाल चले विधाता
मत सोच प्राणी चलता चल

समय पाय ही तरूवर फले
चाहे केतक सींचत नीर घड़ा

बोल रही प्रकृति की रानी माँ
धैर्य धर्म कर्म पर करो विश्वास

समय पर पूरी होगी तेरी आस
खिल उठेंगे नाना नानी दादा दादी

गोद भरेगी चाहत खानदानी
कर्म करो फल की चिंदा मत कर
हे इंसान ! ये है गीता का ज्ञान ?

🌷🌹🙏🙏🍀☘️🌷🌹🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरूण

Language: Hindi
1 Like · 164 Views
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
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