*खाऍं मेवा से भरे, प्रतिदिन भर-भर थाल (कुंडलिया)*
खाऍं मेवा से भरे, प्रतिदिन भर-भर थाल (कुंडलिया)
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खाऍं मेवा से भरे, प्रतिदिन भर-भर थाल
रहना जीवन चाहिए, सबका ही खुशहाल
सबका ही खुशहाल, स्वास्थ्य सबका हो उत्तम
सुख-सुविधा से पूर्ण, उच्च हो मधु जीवन-क्रम
कहते रवि कविराय, तृप्त हों सब इच्छाऍं
अन्न और मिष्ठान्न, पेट भर- भर सब खाऍं
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 75451