ख़ून नहीं बहने देंगे
सेना की सूझबूझ पर गर्व है,
जिसे युद्ध, क़ुरबानी, शांति
और निर्माण अनुभव का।
धिक्कार है उन पर
जिन्हें अनुभव है…
सिर्फ़ दंगा,
हत्या, विध्वंस,
और बदअम्नी का…।
राजनीति चाहे…
लाशों पर हो, सेना पर,
चाहे मंदिर-मस्जिद पर हो,
देश विरोधी घृणित नीति को
देश निकाला दे देंगे।
सौगंध हमें इस मिट्टी की
देश नहीं लुटने देंगे,
ख़ून नहीं बहने देंगे।
मेहनतकशों!
अब हाथ उठाओ,
शीश नहीं झुकने देंगे,
देश नहीं बिकने देंगे।
@ अरशद रसूल