ख़ुश रहना है
1)मेरी बेताब धड़कन और मेरी हसरत समझने को
तुम्हारी इक नज़र काफ़ी है मेरा हाल पढ़ने को
2)तुम्हारी एक आहट पर ही हम बेचैन रहते हैं
और उस पर ज़ुल्म पायल का करे बेताब मिलने को
3)ये तेरी चुलबुली बातें अदाओं के हसीं नश्तर
ये काली ज़ुल्फ़ के बादल बुलाते हैं बहकने को
4)बहुत बेदर्द यादें हैं सनम गुज़रे ज़माने की
रखीं सबसे छुपाकर हमने रोने और तड़पने को
5)जो इक सपना संजोया था तेरे साए में जीने का
ख़यालों का वो हर मंज़र फक़त बाक़ी तरसने को
6)मेरी ख़्वाहिश दिवानी ढूंढती दिन रात बस तुमको
अता हो चैन गर साया मिले तेरा लिपटने को
7)यही शायद लक़ीरों में लिखा था मंतशा रब ने
जुदाई का ज़हर पीकर भी ख़ुश रहना है दिखने को
🌹मोनिका मंतशा🌹