ख़त लिखने की वज़ह क्या है ।
सितम ज़माने के सह लेते है तनहा,
पर कोई मेरी परछाई से पूछे।।
तेरी रातों में छुपने की वजह क्या है ?
अब तुम्हीं आकर बता जाओ ,
अब तेरे ख़त लिखने की वज़ह क्या है ।
क्यों छोड़ देती है उस वक़्त मेरा साथ,
जब अँधेरे घेर लेते है मुझको ।।
तेरा अंधेरों के साथ सिलसिला क्या है ?
अब तुम्हीं आकर बता जाओ ,
अब तेरे ख़त लिखने की वज़ह क्या है ।
वो चाँद भी गुमसुम सा दीखता है,
लाखों करोड़ों तारों के बीच।।
कोई तारों से पूछे, रोशनी का पता क्या है ?
अब तुम्हीं आकर बता जाओ ,
अब तेरे ख़त लिखने की वज़ह क्या है ।
कभी दिन तो कभी रात दरवाज़ा है,
पर कोई मेरे दिल तो पूछे।।
इसमें कौन सा रंग ज़िंदगी में जयदा है,
अब तुम्हीं आकर बता जाओ ,
अब तेरे ख़त लिखने की वज़ह क्या है ।
तनहा शायर हूँ – यश पाल