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25 Nov 2021 · 1 min read

खर्च का बोझ

जबसे समाज में है फोन का चलन हुआ,
नया एक खर्च हमें पड़ता है झेलना।

कि कभी पेट्रोल, गैस, बिजली का बिल भरो,
जल भी पियो तो अब पड़ता खरीदना।

पहले न खर्च का ये बोझ हुआ करता था,
रोज महँगाई का है आजकल सामना।

पहले सरलता से चलता था घर-बार,
पड़ता नहीं था इसे रोज ही ढकेलना।

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 24/11/2021

1 Like · 1 Comment · 352 Views
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