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7 May 2020 · 1 min read

{{ खंज़र }}

उसकी नज़र थी या ,चलता फिरता खंज़र था कोई ,
आज तक उस नज़र की ,नज़र उतारी नही जाती है ,
कुछ गिन के ही वक़्त देता है , वो मुझे इश्क़ में ,
उस वक़्त के बाद मुझसे, वक़्त गुज़री नही जाती है ,

Language: Hindi
6 Likes · 297 Views
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