- कुछ ऐसा कर कमाल के तेरा हो जाऊ -
गोपियों का विरह– प्रेम गीत।
अपनी नज़र में सही रहना है
गुरु चरणों की धूल
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मानवता दिल में नहीं रहेगा
दुनिया हो गयी खफा खफा....... मुझ से
ये "परवाह" शब्द वो संजीवनी बूटी है
खुले आम जो देश को लूटते हैं।
उड़ान ऐसी भरो की हौसलों की मिसाल दी जाए।।
राम-नाम को भज प्यारे यह, जग से पार लगाएगा (हिंदी गजल)
हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
कर रहा हम्मास नरसंहार देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
তুমি শুধু আমায় একবার ভালোবাসো
अपनी मानहानि को पैसे में तौलते महान!