Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2017 · 1 min read

कफ़न तैयार है (ग़ज़ल)

कौन किसे खबर है!सब है इस बात से अन्जान ,
के कोई गमगीन सी रहा है अपने वास्ते कफ़न .

जिंदगी से किनारा कर ,अरमानो को अपने फूंक ,
अश्कों के धागे से सी रहा है अपने वास्ते कफ़न.

इस जहाँ से उसने क्या पाया ,महज खोया ही ,
रेशम का पैरहन नहीं उसके नसीब है सफ़ेद कफ़न .

खुदा से मिन्नतें भी की और की शिकायेंत भी बहुत ,
हासिल क्या,आखिर को अरमानो को करना पड़ा दफ़न.

ना तो कोई उसे समझ सका ,ना ही वो समझा सका,
लबों पर आते-आते ज़ज्बात हो जाते थे अक्सर मौन .

अब तक तो जी रहा था किसी तरह गम खाते हुए,
मगर जब चोट रूह पर लगी तो कांप उठा वो इंसा .

आखिरश जब इन्तेहा हो गयी दर्द की तो चीख उठा,
नहीं गर मेरे नसीब में खुशिया तो ,दे दे मुझे कफ़न .

1 Like · 345 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
3926.💐 *पूर्णिका* 💐
3926.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बेफिक्र अंदाज
बेफिक्र अंदाज
SHAMA PARVEEN
*बाल गीत (मेरा प्यारा मीत )*
*बाल गीत (मेरा प्यारा मीत )*
Rituraj shivem verma
टपरी पर
टपरी पर
Shweta Soni
सबने सब कुछ लिख दिया, है जीवन बस खेल।
सबने सब कुछ लिख दिया, है जीवन बस खेल।
Suryakant Dwivedi
भक्ति गीत
भक्ति गीत
Arghyadeep Chakraborty
उलझी रही नजरें नजरों से रात भर,
उलझी रही नजरें नजरों से रात भर,
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
एक अजीब सी आग लगी है जिंदगी में,
एक अजीब सी आग लगी है जिंदगी में,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मैं नहीं जानती
मैं नहीं जानती
भगवती पारीक 'मनु'
जगह-जगह पुष्प 'कमल' खिला;
जगह-जगह पुष्प 'कमल' खिला;
पंकज कुमार कर्ण
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
स्मार्ट फोन.: एक कातिल
ओनिका सेतिया 'अनु '
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
आकाश महेशपुरी
रहो कृष्ण की ओट
रहो कृष्ण की ओट
Satish Srijan
"अदा"
Dr. Kishan tandon kranti
गरीब–किसान
गरीब–किसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया
बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया
गुमनाम 'बाबा'
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
Poonam Matia
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
ये धरती महान है
ये धरती महान है
Santosh kumar Miri
रूह का रिश्ता
रूह का रिश्ता
Seema gupta,Alwar
#दोहा
#दोहा
*प्रणय*
जीवन का मूल्य
जीवन का मूल्य
Shashi Mahajan
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
Rekha Drolia
जीवन में संघर्ष सक्त है।
जीवन में संघर्ष सक्त है।
Omee Bhargava
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ध्यान क्या है और ध्यान कैसे शुरू करें व ध्यान के लाभ। भाग 2 | रविकेश झा।
ध्यान क्या है और ध्यान कैसे शुरू करें व ध्यान के लाभ। भाग 2 | रविकेश झा।
Ravikesh Jha
खुदा सा लगता है।
खुदा सा लगता है।
Taj Mohammad
हर रात रंगीन बसर करने का शौक़ है उसे,
हर रात रंगीन बसर करने का शौक़ है उसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...