Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
sushil sarna
33 Followers
Follow
Report this post
13 Aug 2024 · 1 min read
क्षणिका :
क्षणिका :
बंद रहकर भी
बहुत कुछ
कह जाती है
बंद साँकल
व्यथा
दरवाज़े के पीछे की
सुशील सरना
Tag:
Quote Writer
Like
Share
80 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
- स्नेह का बंधन -
bharat gehlot
😊न्यूज़ वर्ल्ड😊
*प्रणय*
*"माँ महागौरी"*
Shashi kala vyas
*वो न भूली होगी*
Dushyant Kumar Patel
कोहिनूराँचल
डिजेन्द्र कुर्रे
"मैं तैयार था, मगर वो राजी नहीं थी ll
पूर्वार्थ
आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का )
goutam shaw
ध्यान कर हरी नाम का
Buddha Prakash
प्रेरक प्रसंग
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
मनुवा तेरे
Santosh kumar Miri
बनारस की धारों में बसी एक ख़ुशबू है,
Sahil Ahmad
बाबू मेरा सोना मेरा शेर है
Dr. Man Mohan Krishna
चंदन का टीका रेशम का धागा
Ranjeet kumar patre
वादा
Bodhisatva kastooriya
प्रजा शक्ति
Shashi Mahajan
उम्रें गुज़र गयी है।
Taj Mohammad
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
The enchanting whistle of the train.
Manisha Manjari
शांत नगरिया राम की, रामनगर है नाम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
संघ के संगठन के सम्बन्ध में मेरे कुछ विचार 🙏संगठन में नियम न
ललकार भारद्वाज
स्वार्थी मनुष्य (लंबी कविता)
SURYA PRAKASH SHARMA
गुरु
Ahtesham Ahmad
हम और आप ऐसे यहां मिल रहें हैं,
Jyoti Roshni
"दिमागी गुलामी"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हें लिखना आसान है
Manoj Mahato
3028.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पथ में
surenderpal vaidya
मन की प्रीती
Dr.Pratibha Prakash
sp124 किसने किया क्या है
Manoj Shrivastava
Loading...