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sushil sarna
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13 Aug 2024 · 1 min read
क्षणिका :
क्षणिका :
बंद रहकर भी
बहुत कुछ
कह जाती है
बंद साँकल
व्यथा
दरवाज़े के पीछे की
सुशील सरना
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