क्षणिका …
क्षणिका …
उतारना पड़ता चश्मा
आँखों से
पौंछ्ने के लिए
अन्तस की वेदना को
गालों पर लिखी
किसी कहानी को
सूखने से पहले
सुशील सरना / 25424
क्षणिका …
उतारना पड़ता चश्मा
आँखों से
पौंछ्ने के लिए
अन्तस की वेदना को
गालों पर लिखी
किसी कहानी को
सूखने से पहले
सुशील सरना / 25424