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23 Feb 2018 · 1 min read

क्षणिकाएँ

क्षणिकाएँ

ऐ जिंदगी
मुझे तुमसे नहीं
कोई शिकायत
क्योंकि हालत के साथ
अब जीना
मैंने सीख लिया ।

मत तलाशो
औरो से खुशी
दुख की बाढ़
आ जायेगी
मगर तलाशो खुशी
अपने आप के अंदर।

खुशी की
सार्थकता देखों
बनकर किसी की मुस्कान
खिलता है चेहरा
स्वत निकलता है
हृदय से सुर तान

ऋता सिंह ‘सर्जना’
तेजपुर (असम)
मौलिक व अप्रकाशित

Language: Hindi
6 Likes · 3 Comments · 500 Views

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