क्रोध
क्रोध
क्रोधवेश में किसी का बिगड़ जाए,
अपेतु , बात तेरा ही बिगड़ जायेगा।
क्रोधित से मत कर मुक्का- लात ,
नहीं तो होगी तेरी मुस्कुराहट कुर्बान ।
प्रतिघात की बनी वजह छोड़,
अनुराग की भावना पकड़।
रोष प्रदर्शन करने का अधिकार,
वैसा नहीं है किसी से लग लगाव।
रोष का नुर मत आने दो चेहरा पर,
लग जाएं ग्रहण तेरे भी नूर में ।
घृणा चक्की पीसा इंसान की कोप,
सेहत से करता खिलवाड़।
करो गुस्सा पर आपना संयम,
जीवन मै पाओ स्नेह अपार।।
गौतम साव