Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2020 · 1 min read

क्रांति की ज्वाला

रे अभागे! शेर को कबतक पिंजरबंध रख पाओगे,
महाकाल के गाल स्व संग प्रियजन के प्राण गवाओगे,
है, था, रहेगा निःशंक गगन में वह उड़ने वाला,
है वीर धरा का एक ही अकेला हिम्मत वाला,
बंदी बना जग में तू क्या करते इठला-इतरा कर अभिमान,
है नहीं उस युधि विक्रम की तुझे क्षणिक भी पहचान,
है क्षमता किस मानुष में बदल सके अर्णव की चाल,
हर चट्टान को ध्वस्त किया, जब अवरोध किया बन विशाल ,
वह शेर है गीदर नहीं, वह कर्मवीर कायर नहीं,
ज्वाल है भूचाल भी,है नहीं प्रेमरस कविवर कभी ,
जब-जब उठता सागर में क्रांति की ज्वाला,
जाने कितने जलमग्न हुआ बन प्रलय निवाला,
हुए उद्भव ही तो क्या? पतन की ज्वाला में भस्म हो जाओगे,
महाकाल के गाल स्व संग प्रियजन के प्राण गवाओगे ।
रे अभागे! शेर को कबतक पिंजरबंध रख पाओगे ।
–क्रमशः
उमा झा

Language: Hindi
8 Likes · 9 Comments · 708 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from उमा झा
View all
You may also like:
​दग़ा भी उसने
​दग़ा भी उसने
Atul "Krishn"
कालू भैया पेल रहे हैं, वाट्स एप पर ज्ञान
कालू भैया पेल रहे हैं, वाट्स एप पर ज्ञान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
କୁଟୀର ଘର
କୁଟୀର ଘର
Otteri Selvakumar
मंज़िल को तुम्हें यदि पाना हो ,तो चलते चलो तुम रुकना नहीं !
मंज़िल को तुम्हें यदि पाना हो ,तो चलते चलो तुम रुकना नहीं !
DrLakshman Jha Parimal
"आदमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
हर चीज़ पर जल्दबाज़ी न करें..समस्या यह है कि आप अपना बहुत अध
हर चीज़ पर जल्दबाज़ी न करें..समस्या यह है कि आप अपना बहुत अध
पूर्वार्थ
■ कृष्ण_पक्ष
■ कृष्ण_पक्ष
*प्रणय*
जिन्दगी से शिकायत न रही
जिन्दगी से शिकायत न रही
Anamika Singh
बाबू
बाबू
Ajay Mishra
" पुष्कर वाली धुलंडी "
Dr Meenu Poonia
कर तो रहे हैं वो ,और दे रहे हैं ,
कर तो रहे हैं वो ,और दे रहे हैं ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
“लिखें तो लिखें क्या ?”–व्यंग रचना
“लिखें तो लिखें क्या ?”–व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
दिल से
दिल से
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरी घरवाली
मेरी घरवाली
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
कोई काम जब मैं ऐसा करता हूं,
कोई काम जब मैं ऐसा करता हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
‘ विरोधरस ‘---11. || विरोध-रस का आलंबनगत संचारी भाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---11. || विरोध-रस का आलंबनगत संचारी भाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
डॉक्टर रागिनी
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
Rj Anand Prajapati
राम आ गए
राम आ गए
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
चिंतन करत मन भाग्य का
चिंतन करत मन भाग्य का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
4394.*पूर्णिका*
4394.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
“एक कोशिश”
“एक कोशिश”
Neeraj kumar Soni
कैसी लगी है होड़
कैसी लगी है होड़
Sûrëkhâ
सकट चौथ की कथा
सकट चौथ की कथा
Ravi Prakash
जब कोई हो पानी के बिन……….
जब कोई हो पानी के बिन……….
shabina. Naaz
*जो जीता वही सिकंदर है*
*जो जीता वही सिकंदर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई  लिखता है
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई लिखता है
Shweta Soni
पत्थर (कविता)
पत्थर (कविता)
Pankaj Bindas
Neet aspirant suicide in Kota.....
Neet aspirant suicide in Kota.....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
A Hopeless Romantic
A Hopeless Romantic
Vedha Singh
Loading...