Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

क्यो नकाब लगाती हो

” क्यो नकाब लगाती हो।”

सफर पर जाने वाली मुसाफिर तु
आपनी सुरत पर क्यों नकाल लगाती है।
क्यो घृणित कार्य करने वाली शातिर
अपनी सुरत पर उठने वाले जवाब को सवाल से बचाती हो
. तुम अपनी सुरत वेगो नकाब लगाती हो
अपनी सुरत पर लगे दाग को छिपाती हो

पापड़ हमने भी बेले है।
बहन समझ साथ में भी खेले हैं l
“हम भी नकाब रखते है अपनी सुरत पर
रात की अंधेरी भोर में भी अकेले है।.
. जरूरत की वारदात से छिपने खातिर नकाब लगाते है।
भरी महफिल में तुम किस खातिर नकाब लगाती हो
स्वर्ग की अप्सरा से तेरा ना नाता है।
भाव खाकर, तुम्हें गुमान करना आता है
झुठी शैखिया लगाकर अपनी हंसी से हम भोली सुरत को
लूट उडान भरना भाता है
तेरे मन के हर सवाल का सही जवाब बताते है।
पर तुम हम मगरमच्छ के बीच में रहकर यह नकाब क्यों
लगाती हो
हाथ में रखा इस पागल का पत्थर है
रखा नकाब तेरे लिवाज का अस्तर है
क्यो इन्सानो की महक से तुम्हे घृणा रख.
कहती हो मेरा नकाब हां अन्दर है
तुम हर बात को बवाल बनाती है !
फिर यहनकाब फिर तुम क्यो नकाब लगाती हो।.
हमारी जेब में आज ना उधारी है
इसी खातिर इज्जत हमारी आज हां उत्तारी है।
प्रेम भरी सम्मान भरी नजरो के हम ना तेरे प्रेम पुजारी है।
‘हम तो तेरे सवाल का जवाब जानते है
पर तुम क्यो सुरत पर क नकाब लगाती हो

69 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
Keshav kishor Kumar
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अंधकार जो छंट गया
अंधकार जो छंट गया
Mahender Singh
फिदरत
फिदरत
Swami Ganganiya
आँखों का कोना,
आँखों का कोना,
goutam shaw
चाहत है बहुत उनसे कहने में डर लगता हैं
चाहत है बहुत उनसे कहने में डर लगता हैं
Jitendra Chhonkar
"सनद"
Dr. Kishan tandon kranti
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
Rj Anand Prajapati
*** तोड़ दिया घरोंदा तूने ,तुझे क्या मिला ***
*** तोड़ दिया घरोंदा तूने ,तुझे क्या मिला ***
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
जीवन - अस्तित्व
जीवन - अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
एक नयी शुरुआत !!
एक नयी शुरुआत !!
Rachana
दो अनजाने मिलते हैं, संग-संग मिलकर चलते हैं
दो अनजाने मिलते हैं, संग-संग मिलकर चलते हैं
Rituraj shivem verma
भारत के वीर जवान
भारत के वीर जवान
Mukesh Kumar Sonkar
#झुनझुना-😊
#झुनझुना-😊
*प्रणय*
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
Chaahat
3318.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3318.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
Aarti sirsat
सरयू
सरयू
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना
दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हाँ मैन मुर्ख हु
हाँ मैन मुर्ख हु
भरत कुमार सोलंकी
तू शौक से कर सितम ,
तू शौक से कर सितम ,
शेखर सिंह
शिक्षा और अबूजा
शिक्षा और अबूजा
Shashi Mahajan
इस तरह कुछ लोग हमसे
इस तरह कुछ लोग हमसे
Anis Shah
सब्जी के दाम
सब्जी के दाम
Sushil Pandey
एक दिवाली ऐसी भी।
एक दिवाली ऐसी भी।
Manisha Manjari
तुझसे रिश्ता
तुझसे रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम कई रास्तों से आ सकता था ,
प्रेम कई रास्तों से आ सकता था ,
पूर्वार्थ
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
surenderpal vaidya
संतान को संस्कार देना,
संतान को संस्कार देना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
Loading...