क्यो अश्क बहा रहे हो
तुम जो मोती जैसे अश्क
आँखो से जो इतना बहा रहे हो।
क्या दर्द हुआ है तुम्हें जो
इतना तुम रोए जा रहे हो।
किसी ने तुम्हारा दिल तोड़ा है या
अपनो से ठोकर खाकर आ रही हो
अपनो से धोखा खाई हो, या
प्यार मे धोखा खाकर आ रही हो
लगता है कोई गहरा चोट है
जो ऐसे अश्क तुम बहाई जा रही हो।
है कोई जख्म पुराना तुम्हारा, या
नई चोट खाकर आ रही हो।
मै तो तुम से यही कहूँगी
जिसने नही सोचा तेरे बारे
तुम उसके लिए क्यो सोच रही हो
यह मोती जैसे अश्क तुम्हारे
क्यो उसके लिए खर्च कर रही हो।
जिसने तुमको चोट पहुँचाया है
क्यो उसके लिए तुम इतनी
अपनी कीमती अश्क बहा रही हो।
यू अश्क बहाकर क्यो तुम
उसके सामने अपने को
इतना कमजोर दर्शा रही हो।
वह तुम्हे चोट देकर हँस रहा है
और तुम चोट खाकर इतना
क्यो उसके लिए रोए जा रही हो।
आखिर तुम ऐसे अश्क बहाकर
क्यो तुम उसे हँसने का मौका दे रही हो।
क्यो तुम उसे भुलाकर
अपने जीवन मे आगे को नही बढ रही हो
चोट खाकर इंसान सिर्फ बिखरता ही नही है
कभी कभी चोट इंसान को
धक्का देकर बहुत ऊपर ले जाता है
यही बात तुम अपने जीवन मे लाकर
क्यों नही उसे दिखा रही हो।
तरे जीवन से एक बेवफा इंसान दूर हो गया
क्यो नही यह सोचकर
तुम अपने लिए मुस्कुरा रही हो।
अनामिका