क्यों
शीर्षक -क्यों
************
क्यों हम सभी फरेब रखते हैं।
जिंदगी में सच क्यों न कहते हैं।
सांसों का घमंड क्यों करते हैं।
क्यों निःस्वार्थ नहीं सोचते हैं।
हम क्यों एहसास रखते हैं।
**********************
नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र
शीर्षक -क्यों
************
क्यों हम सभी फरेब रखते हैं।
जिंदगी में सच क्यों न कहते हैं।
सांसों का घमंड क्यों करते हैं।
क्यों निःस्वार्थ नहीं सोचते हैं।
हम क्यों एहसास रखते हैं।
**********************
नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र