क्यों
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शीर्षक -क्यों
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क्यों हम सभी फरेब रखते हैं।
जिंदगी में सच क्यों न कहते हैं।
सांसों का घमंड क्यों करते हैं।
क्यों निःस्वार्थ नहीं सोचते हैं।
हम क्यों एहसास रखते हैं।
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नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र
शीर्षक -क्यों
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क्यों हम सभी फरेब रखते हैं।
जिंदगी में सच क्यों न कहते हैं।
सांसों का घमंड क्यों करते हैं।
क्यों निःस्वार्थ नहीं सोचते हैं।
हम क्यों एहसास रखते हैं।
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नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र