क्यों हो रही , बेवक्त की बारिश झमाझम
क्यों हो रही , बेवक्त की बारिश झमाझम
समझ नहीं आ रहो है , समझ नहीं आ रहो है
जनता हो रही हलाकान , समझ नहीं आ रहो है
किसान भी हैं परेशान , समझ नहीं आ रहो है
फसलें हैं सड़ गयीं, ठंड है बढ़ गयी
आफिस वाले ऑफिस पहुंचें कैसे , समझ नहीं आ रहो है
बीमारियाँ हैं हल्ला मचाये रहीं
रेहड़ी वाले हुए हलाकान , समझ नहीं आ रहो है
सड़कें हो गयीं नदी , तालाब
अस्पताल को कैसे पहुंचें , समझ नहीं आ रहो है
मास्क, सेनीटाईजर से कर लो दोस्ती
ओमिक्रोन भैया सबहें डरा रहे , समझ नहीं आ रहो है
जो मर रहे , उनके घरवालों से पूछो
कैसे बीत रहो पल – पल , समझ नहीं आ रहो है
फूंक – फूंक कर कदम रखना
अपना सबका ध्यान रखना, कहीं टूट न जाए जिन्दगी की डोर
समझ नहीं आ रहो है, समझ नहीं आ रहो है
क्यों हो रही , बेवक्त की बारिश झमाझम
समझ नहीं आ रहो है , समझ नहीं आ रहो है
जनता हो रही हलाकान , समझ नहीं आ रहो है
किसान भी हैं परेशान , समझ नहीं आ रहो है