क्यों होता है पंद्रह अगस्त
क्यों होता है 15 अगस्त, 1985 में रची गई बाल कविता
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हो रही सभा थी जंगल में, जब आया 15 अगस्त।
नन्हीं बिल्ली उठकर बोली, क्यों बैठे हम सब आज मस्त।
जरा मुझे भी समझाओ, क्यों होता है 15 अगस्त।
उसी समय चूहा बोला, लो सुनो लगाकर ध्यान।
सन 1947 के पहले था अपना देश गुलाम।
छाया था अंग्रेजी शासन, हम सबके ऊपर।
हरदम खिदमत करते थे, फिर भी कोड़े बजते थे तन पर।
तब आया मन में खयाल, हम नहीं गुलामी सह सकते।
मार भगायेंगे गोरों को, देश प्रेम हित मर सकते।
बस तैयारी थी स्वतंत्रता की, लाठी ले गांधी आये।
लक्ष्मीबाई चंद्रशेखर भगत सिंह सज धज आये।
देखा जब यह प्रलय भयंकर, गोरे डरकर भाग गये।
तभी भाई-बहनों सोये भाग्य हमारे जाग गये।
खुशी मनाई हम सबने, फहरा के तिरंगा ध्वज प्यारा।
अमर रहे 15 अगस्त, और अमर रहे भारत प्यारा।
तभी से हम यह दिवस मनाते, खाते पीते रहते है मस्त।
समझ गयी बिल्ली मौसी, क्यों होता है 15 अगस्त।
…….✍️ प्रेमी