क्यों मुरझा गई कली खिलते गुलाब की
क्यों मुरझा गई कली, खिलते गुलाब की
हिमाकत हो रही है, मसलने शवाब की
क्या डालियों पर फूल, अच्छे तुम्हें लगते नहीं
आदमियत का अदव, जनाब करते नहीं
खुदा की नियामतों की, इज्जत किया करो
आदमी हो जनाब, आदमियत से जिया करो
हिफाजत फर्ज है जनाब, खुदा की नियामतो का
खुदा का शुक्र, और हिफाजत किया करो
सुरेश कुमार चतुर्वेदी