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7 May 2024 · 1 min read

क्यों बात करें बीते कल की

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क्यों बात करे बीते कल की क्यों बात करे हम आगत की

जो सत्यम शिवम सुंदरम है वो आज हमारा अपना है

कुछ लोग हमेशा जीते हैं बीते कल को रोते रोते

कुछ लोग गवांते हैं जीवन सपनो की स्वर्ण फसल बोते

जो जैसा है सच जियो आज कल की माला क्या जपना है

जो सत्यम शिवम सुंदरम है वो आज हमारा अपना है

किसलिए व्यर्थ स्वर्णिम प्रभात की आस लगाये बैठे हो

आगत के दिवा स्वप्न लेकर संसार सजाये बैठे हो

जी रहे जिसे हम वो यथार्थ कल का तातपर्य कलपना है

जो सत्यम शिवम सुंदरम है वो आज हमारा अपना है

छोड़ो आगत की चिंताएँ बीते कल की सब पीड़ाये

क्यों हम,भोगे गुजरे कल को क्यों ढोयें कल की कुण्ठाये

जो आज सामने जियो उसे जो बीत गया वो सपना है

जो सत्यम शिवम सुंदरम है वो आज हमारा अपना है
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
छठवीं रचना

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