क्यों न पेड़ लगाते हो?
तेज धूप है हवा गरम
बहा पसीना निकला दम
धूल भरी आंधी में घिर कर
रोते हो चिल्लाते हो
क्यों ना पेड़ लगाते हो?
चौमासा दस दिन में बीता
ताल रहा रीते का रीता
एक घड़ा पानी को लेने
चार कोस तक जाते हो
क्यों ना पेड़ लगाते हो?
फसल नहीं अब ज्यादा होवे
घर बैठा किसान भी रोवे
राहत के पैसे को लेने
दर-दर ठोकर खाते हो
क्यों ना पेड़ लगाते हो?