*क्यों दिन बीता क्यों रात हुई, क्यों मावस पूरनमासी है (राधेश
क्यों दिन बीता क्यों रात हुई, क्यों मावस पूरनमासी है (राधेश्यामी छंद)
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क्यों दिन बीता क्यों रात हुई, क्यों मावस पूरनमासी है
ऋतुओं का चक्र बदलता क्यों, क्यों मनुज वर्ष सौ वासी है
किस लिए बनाए यह चक्कर, कब तक हम चक्कर में तेरे
प्रभु कुछ रहस्य तो बतलाओ, कब तक इस धरती के फेरे
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451