क्यों तुम इतने प्यारे हो गए.
क्यों तुम इतने प्यारे हो गए
अपनों को छोड़कर हमारे हो गए
जिन्होंने तुम्हे सब दिया उसके लिए
नदी के दो किनारे हो गए
कभी जिस आँख के तारे थे तुम
आज उन आँखों मेंअंगारे हो हो गए
किसी के जीवन में पतझड़ बन कर रह गए
तो किसी के लिए हसीन नज़ारे बन गए
आज हर कोई पूछता है ‘विशाल’ हमसे
ये दुर्लभ क्यों अब वो सितारे हो गये.
राजीव विशाल (रोहतासी)
मो-8899024742