Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Dec 2016 · 1 min read

क्यों इश्क करना महंगा पड़ा

क्यों इश्क करना उसे महंगा पड़ा
फिर निगाहों का कड़ा पहरा पड़ा

यार मेरा हो गया जो बाबला
जब शरारत की तभी डण्डा पड़ा

वो समझता क्यों नहीं समझाने से
इसलिए किस्मत पे अब ताला पड़ा

प्यार मेरा जो हमेशा से रहा
भूल अपना आज जो डूबा पड़ा

मैं बना सजना लगा लूँगी गले
क्योंकि पीछे आज ज्यादा पड़ा

जब चढ़ा उसको इश्क का फिर ज्वर
इसलिए फिर आज वो औंधा पड़ा

साथ उसके ही रहूँगी आज मैं
क्योंकि मेरे साथ ही पाला पड़ा

डॉ मधु त्रिवेदी

72 Likes · 443 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
ई-संपादक
ई-संपादक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"रिश्तों में खटास पड रही है ll
पूर्वार्थ
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"खाली हाथ"
इंजी. संजय श्रीवास्तव
वो  खफा है ना जाने किसी बात पर
वो खफा है ना जाने किसी बात पर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
Sarfaraz Ahmed Aasee
कवि मोशाय।
कवि मोशाय।
Neelam Sharma
🥀 *अज्ञानी की✍*🥀
🥀 *अज्ञानी की✍*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ढ़ांचा एक सा
ढ़ांचा एक सा
Pratibha Pandey
यकीनन तुम्हारे बिना जीना किसी दर्द से कम नहीं,
यकीनन तुम्हारे बिना जीना किसी दर्द से कम नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चलिये उस जहाँ में चलते हैं
चलिये उस जहाँ में चलते हैं
हिमांशु Kulshrestha
*चम्मच पर नींबू रखा, डंडी मुॅंह में थाम*
*चम्मच पर नींबू रखा, डंडी मुॅंह में थाम*
Ravi Prakash
बेटियां।
बेटियां।
Taj Mohammad
दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का
दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का
Monika Arora
श्री शूलपाणि
श्री शूलपाणि
Vivek saswat Shukla
मुझे वो सब दिखाई देता है ,
मुझे वो सब दिखाई देता है ,
Manoj Mahato
अलविदा कह जाओगे जब दुनियां को...
अलविदा कह जाओगे जब दुनियां को...
Ajit Kumar "Karn"
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोस्तों, ख़ुशियाँ बाँटते चलो.
दोस्तों, ख़ुशियाँ बाँटते चलो.
Piyush Goel
दुआ नहीं होना
दुआ नहीं होना
Dr fauzia Naseem shad
झूठी आशा बँधाने से क्या फायदा
झूठी आशा बँधाने से क्या फायदा
Dr Archana Gupta
ये विश्वकप विराट कोहली के धैर्य और जिम्मेदारियों का है।
ये विश्वकप विराट कोहली के धैर्य और जिम्मेदारियों का है।
Rj Anand Prajapati
जाति आज भी जिंदा है...
जाति आज भी जिंदा है...
आर एस आघात
बादल बरस भी जाओ
बादल बरस भी जाओ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
रंगों के रंगमंच पर हमें अपना बनाना हैं।
रंगों के रंगमंच पर हमें अपना बनाना हैं।
Neeraj Agarwal
" अगर "
Dr. Kishan tandon kranti
*लटें जज़्बात कीं*
*लटें जज़्बात कीं*
Poonam Matia
#लेखन कला
#लेखन कला
Radheshyam Khatik
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
Suryakant Dwivedi
शायरी - संदीप ठाकुर
शायरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
Loading...