Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Aug 2024 · 1 min read

क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था

सबकी तरहां मैं भी आज,
हो चुका हूँ तरुण,
इसी के साथ मेरी जिम्मेदारी भी,
हो चुकी है प्रौढ़।

जब मुझको अहसास हुआ इस अवस्था का,
सबकी तरह मैं भी बुनने लगा हूँ सपनें,
मेरी इच्छा है कि इस घर में,
संस्कारों का दीपक सदा जलता रहे।

मेरी तरह सभी प्राणी,
इस घर का ख्याल रखें,
सभी अनुशासित और ईमानदारी से,
अपना अपना कर्त्तव्य निभायें।

यह है मेरा अरमान,मेरा सपना,
मेरे सपनों का एक संसार,
जो तरूणाई में सबकी तरहां,
देखा था मैंने कभी रातों में।

मगर अब सुबह हो चुकी है,
और जाग चुका हूँ मैं भी,
मगर मुझको नहीं मिला वह,
जो देखा है मैंने सपनें में।

क्योंकि वह एक सपना था, सिर्फ सपना।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
74 Views

You may also like these posts

बुरा मानेंगे----
बुरा मानेंगे----
Shally Vij
मेरी प्रिय हिंदी भाषा
मेरी प्रिय हिंदी भाषा
Anamika Tiwari 'annpurna '
उम्र का सौदा
उम्र का सौदा
Sarla Mehta
स्पर्श
स्पर्श
Kanchan Alok Malu
मेरी कमाई
मेरी कमाई
Madhavi Srivastava
मैं क्या हूं?
मैं क्या हूं?
Priya Maithil
सबको राम राम राम
सबको राम राम राम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
डॉ. दीपक बवेजा
" जब "
Dr. Kishan tandon kranti
मिथिला -मैथिली: असमंजस स्थिति।
मिथिला -मैथिली: असमंजस स्थिति।
Acharya Rama Nand Mandal
शिकायतों के अंबार
शिकायतों के अंबार
Surinder blackpen
दकियानूसी छोड़ मन,
दकियानूसी छोड़ मन,
RAMESH SHARMA
पुस्तक
पुस्तक
Nitesh Shah
ज़िन्दगी एक उड़ान है ।
ज़िन्दगी एक उड़ान है ।
Phool gufran
कोई समझ नहीं पाया है मेरे राम को
कोई समझ नहीं पाया है मेरे राम को
Aadarsh Dubey
एक सच और सोच
एक सच और सोच
Neeraj Agarwal
4103.💐 *पूर्णिका* 💐
4103.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
gurudeenverma198
संविधान के शिल्पी - डॉ अम्बेडकर
संविधान के शिल्पी - डॉ अम्बेडकर
डिजेन्द्र कुर्रे
तुम रूबरू भी
तुम रूबरू भी
हिमांशु Kulshrestha
"प्यासा" "के गजल"
Vijay kumar Pandey
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
🙅आप का हक़🙅
🙅आप का हक़🙅
*प्रणय*
ध्यान-रूप स्वरुप में जिनके, चिंतन चलता निरंतर;
ध्यान-रूप स्वरुप में जिनके, चिंतन चलता निरंतर;
manjula chauhan
*रामपुर में सर्वप्रथम गणतंत्र दिवस समारोह के प्रत्यक्षदर्शी श्री रामनाथ टंडन*
*रामपुर में सर्वप्रथम गणतंत्र दिवस समारोह के प्रत्यक्षदर्शी श्री रामनाथ टंडन*
Ravi Prakash
सब लिखते हैं
सब लिखते हैं
Saumyakashi
धरा स्वर्ण होइ जाय
धरा स्वर्ण होइ जाय
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मोहब्बत शायरी
मोहब्बत शायरी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
रिश्तों का आईना
रिश्तों का आईना
पूर्वार्थ
इम्तिहान
इम्तिहान
AJAY AMITABH SUMAN
Loading...