Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2025 · 1 min read

क्यूं दिसंबर जाते-जाते इतना ख़ाली कर गया

क्यूं दिसंबर जाते-जाते इतना ख़ाली कर गया
जनवरी के वास्ते हमको सवाली कर गया
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

1 Like · 21 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

इंतज़ार करने की लत
इंतज़ार करने की लत
Chitra Bisht
मैं ही तो हूँ
मैं ही तो हूँ
बाल कवित्री 'आँचल सेठी'
*मौका मिले मित्र जिस क्षण भी, निज अभिनंदन करवा लो (हास्य मुक
*मौका मिले मित्र जिस क्षण भी, निज अभिनंदन करवा लो (हास्य मुक
Ravi Prakash
संतोष धन
संतोष धन
Sanjay ' शून्य'
अपने सपने तू खुद बुन।
अपने सपने तू खुद बुन।
श्रीकृष्ण शुक्ल
नहीं करता
नहीं करता
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ज़िंदगी दफ़न कर दी हमने गम भुलाने में,
ज़िंदगी दफ़न कर दी हमने गम भुलाने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दो अपरिचित आत्माओं का मिलन
दो अपरिचित आत्माओं का मिलन
Shweta Soni
तेवरी सूडो क्रांति नहीं + जगदीश कश्यप
तेवरी सूडो क्रांति नहीं + जगदीश कश्यप
कवि रमेशराज
एक पेज की कीमत उससे पूछो जिसका एडमिट कार्ड खो जाए, टिकट खो ज
एक पेज की कीमत उससे पूछो जिसका एडमिट कार्ड खो जाए, टिकट खो ज
Rj Anand Prajapati
कैसे कह दूँ ?
कैसे कह दूँ ?
Buddha Prakash
जीवन आशा
जीवन आशा
Neha
जीवन  में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है,
जीवन में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है,
Ajit Kumar "Karn"
जो धधक रहे हैं ,दिन - रात मेहनत की आग में
जो धधक रहे हैं ,दिन - रात मेहनत की आग में
Keshav kishor Kumar
" कायनात "
Dr. Kishan tandon kranti
भूल गए हैं
भूल गए हैं
आशा शैली
ज़माना इश्क़ की चादर संभारने आया ।
ज़माना इश्क़ की चादर संभारने आया ।
Phool gufran
प्रकृति का दर्द
प्रकृति का दर्द
Abhishek Soni
प्रेम
प्रेम
पूर्वार्थ
I got forever addicted.
I got forever addicted.
Manisha Manjari
हिन्दी माई
हिन्दी माई
Sadanand Kumar
#सुनो___कैसी _हो ?
#सुनो___कैसी _हो ?
sheema anmol
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुम बिन जीवन
तुम बिन जीवन
Saraswati Bajpai
*चाटुकार*
*चाटुकार*
Dushyant Kumar
कोहरा
कोहरा
Dr. Mahesh Kumawat
3479🌷 *पूर्णिका* 🌷
3479🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
Shashi kala vyas
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
“शिक्षा के दीपक”
“शिक्षा के दीपक”
Yogendra Chaturwedi
Loading...