क्यूँ ना कुछ एसा किया जाये
निकालें फिर समय क्यूँ ना कुछ ऐसा किया जाये
मिलें सभी दोस्त क्यूँ ना कुछ ऐसा किया जाये
जीने को दुनिया में यूँ तो जी ही रहें हैं हम सभी
यादें संजो लें बीती क्यूँ ना कुछ ऐसा किया जाये
इंजी संजय श्रीवास्तव ‘सरल’
बालाघाट मध्यप्रदेश