क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
क्यूँ हुस्न की शौखियो को बिखरा के चल रही हो,
हमसे ही पूछ लो सनम ठिकाना मोहब्बत का…
क्यूँ… आशिकी की राह में गुमराह हो चली हो…!!
Ravi_Betulwala
क्यूँ जुल्फों के बादलों को लहरा के चल रही हो,
क्यूँ हुस्न की शौखियो को बिखरा के चल रही हो,
हमसे ही पूछ लो सनम ठिकाना मोहब्बत का…
क्यूँ… आशिकी की राह में गुमराह हो चली हो…!!
Ravi_Betulwala