क्यूँ उदास बैठी हो ?
क्यूँ उदास बैठी हो ?
हंसी ढूंढ लो तुम
बेचैनी के दामन में
ख़ुशी ढूंढ लो तुम
जो हो न सका उसका मलाल क्या ?
जो बचा है उस में सुकून तलाश लो तुम
जो जिद है अगर तो…
मुश्किलों का पहाड़ काट लो तुम
प्यार के लिए न सही…
हताशा के घोर अंधियारे से
निस्तार मांग लो तुम
फूलों से कांटों संग
बसने-हसने और गमकने का
अनोखा अंदाज जान लो तुम
इस बेरंग सी दुनियां का
खुद को रंगरेज मान लो तुम…
…सिद्धार्थ