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7 Nov 2018 · 1 min read

क्या होता है माँ का होना

मेरे दुनिया में आने से भी पहले
नौ महीने तक एक पीठ करके सोना
मेरी नन्हीं कदमों की आहट से ही
खुशी से हर वक़्त खूब मुस्कुराना
वो आएगा या आएगी के अहसास भर से ही
आँखों में रात जगाए हज़ारों ख्वाब देखना
नसें फटती हुई पीड़ा के समंदर में भी
शांत और शीतक कमल सी खिलते रहना
यही होता है माँ का होना
मेरा पहला स्पर्श पाकर
एक साथ ही हँसना-रोना
मुझको गोद में भरकर
एक टक से ताकते रहना
मेरा लाल है सबसे सुन्दर
जाने अनजाने से कहते रहना
मुझे आँचल में छिपाकर
निर्मल गंगा सी बहते रहना
यही होता है माँ का होना
मेरी एक बोली सुनने के लिए
घंटों-घंटों आप से ही बोलते रहना
मैं प्यारा हूँ मैं दुलारा हूँ
हज़ार दफे दोहराते रहना
मेरे हँसने के लिए
रोज़ नए करताबें दिखाना
जो रो पड़ूँ में तो
हर तरह से मुझे मनाना
यही होता है माँ का होना
हो जाऊँ जो आँख से ओझल तो
यशोदा की तरह व्याकुल होना
मेरी राह देखने के लिए
कुंती सी अधीरा होना
चला जाऊँ न दूर कहीं
कौशल्या स्वरूपा होना
अकेले ही सँभालने के लिए
सीता जैसी शलया होना
यही होता है माँ का होना
सब ईश्वर को एक साथ नमन
रोज़ सुबह है माँ को देखना
हो जाएँ हर मुश्किल आसान
विपत्ति में गर माँ को सोचना
हर मंज़िल कदमों में आ जाएगी
हर जीत में बस माँ को खोजना
कहीं रहो आ ही जाती है
एक बार माँ पुकार के देखना
यही होता है माँ का होना

3 Likes · 26 Comments · 489 Views
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