क्या है भारत की सेना दुनिया वालों देखो तुम
बाढ़ से हाहाकार मची है
हर ओर छींक पुकार मची है
आशियाने बह रहे हैं सैलाबों उनके रेल में
जान बचाओ जान बचाओ धरती मां भी पुकार उठी है
जब जान बचाई एक बच्चे की सेना के जलदूतों ने
सलाम किया था बच्चे ने सैनिक को मन से सोचो तुम
क्या है भारत की सेना दुनिया वालों देखो तुम
यह भारत मां के बब्बर शेर गीदड़रों से नहीं डरते हैं
मातृभूमि के खातिर यह भूखों पेट लड़ते हैं
लोगों कि जान बचाने की खातिर जब भी भीषण बाढ में उतरते हैं
कंधो पर कई जिंदगियां बैठाकर पानी में मिलो पैदल चलते हैं
जबान ने जब जान बचाई एक मां की तो चरण स्पर्श कर लिए मां ने समझो तुम
क्या है भारत की सेना दुनिया वालों देखो तुम
ये वंशज है राणा के , पृथ्वी के , सुभाष के
इन सब के तेवर हैं जैसे भगत सिंह , आजाद के
मंगल पांडे , टाटा टोपे की बलिदानी इनको याद है
झांसी वाली रानी की कहानी इनको याद है
आतंकी धूर्त मूर्ख पड़ोसी को हमने चार बार हराया है
अब एक बार फिर लड़ने को वह हमसे अकुताया है
इस बार क्या होगा अंजाम तुम्हारा दुश्मन मेरे मत पूछो तुम
क्या है भारत की सेना दुनिया वालों देखो तुम