क्या है जिंदगी ?
क्या है जिंदगी ?
यदा कदा सदा एक व्यथा,
है जिंदगी।
जीवन सफर पर मोड पर सजा,
है जिंदगी।
दुख और दर्द से भरी कथा ,
है जिंदगी।
मोह माया में फंसी प्रथा,
है जिंदगी।
हर पल साथ निभाए तो दवा,
है जिंदगी।
माता-पिता की अरदास और दुआ,
है जिंदगी।
कहे पा”रस” व्यक्ति के व्यक्तित्व का परिणाम,है जिंदगी।