क्या हुआ है मुझे मैं नहीं जानता बस तेरे पास आने को दिल मांगता !
क्या हुआ है मुझे मैं नहीं जानता
बस तेरे पास आने को दिल मांगता!
तेरे पास आऊं तुझको ही देखा करूँ
तुमसे मिलने की राहें मैं खोजा करूँ
हर गली से तेरा मैं पता मांगता
क्या हुआ है मुझे मैं नहीं जानता
बस तेरे पास आने को दिल मांगता!
तेरी तस्वीर आंखोँम्में है बस गयी
इस चमन में नयी इक कली खिल गयी
ख़ाक गुलशन की मैं बस रहा छानता
क्या हुआ है मुझे मैं नहीं जानता
बस तेरे पास आने को दिल मांगता!
तेरे हाथों की मेंहदी मैं बन ना सका
केश को तेरे मैं पुष्प चुन ना सका
प्यार मुझको खतावार है मानता
क्या हुआ है मुझे मैं नहीं जानता
बस तेरे पास आने को दिल मांगता
प्रीत पावन तुम्हारी खुदा की कसम
रीत विपरीत उल्टी यहाँ की रसम
तेरे अर्चन को बस दो सुमन मांगता
क्या हुआ है मुझे मैं नहीं जानता
बस तेरे पास आने को दिल मांगता!