Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

क्या हुआ , क्या हो रहा है और क्या होगा

वैज्ञानिक रस में डूब कर,
आधुनिक उन्नति खूब कर,
वह प्रकृति का शासक बन बैठा ।
भौतिक सुखों की होड़ में,
वाहनों की दौड़ में,
वह पर्यावरण को दूषित कर बैठा ।
ऑक्सीजन के मारे ,
ये लोग अंधियारे ,
कैसे इससे बच सकते हैं ।
आपके सहयोग से ,
सरकार के संजोग से ,
इस समस्या को नियंत्रित कर सकते है ।
मोबाइल की क्रांति से ,
स्टाइल की भ्रान्ति से ,
हो सके तो इस पर काबू पाइए ।
संस्कारो की आवाज से,
आधुनिकता के ताज से,
सन्तुलन बना के जीते जाइए ।
कर्म की इस धरती पर,
दुनिया ये टलती पर,
बाद में पछताएगी ।
आने वाली पीढ़ी ,
आज के आलसियों को ,
दुत्कारती ही पायेगी ।
कर्म में मस्त रहना ,
निंदा से बच के रहना ,
सच्चे कर्मशील की पहचान होगी ।
सदुपयोग करके वक्त का ,
पाबन्द हो हर वक्त का ,
भविष्य में उसी हुनरमन्द की शान होगी ।
अभी चली है कलम कुछ दूर,
बन रहा धीरे से सरूर,
बहुत दूर तक जाना है ।
न तलवार के वारों से,
केवल शब्दों के हथियारों से,
विचारों को जन जन तक पहुँचाना है ।

Language: Hindi
211 Views
Books from कृष्ण मलिक अम्बाला
View all

You may also like these posts

4205💐 *पूर्णिका* 💐
4205💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गीता ज्ञान
गीता ज्ञान
Dr.Priya Soni Khare
बसंती बहार
बसंती बहार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कोल्हू का बैल
कोल्हू का बैल
Sudhir srivastava
- अरमानों का जलना -
- अरमानों का जलना -
bharat gehlot
बैरी सारे मिल गए
बैरी सारे मिल गए
RAMESH SHARMA
यही सत्य है
यही सत्य है
Rajesh Kumar Kaurav
हो गये अब अजनबी, यहाँ सभी क्यों मुझसे
हो गये अब अजनबी, यहाँ सभी क्यों मुझसे
gurudeenverma198
भारत के वीर जवान
भारत के वीर जवान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कर्म में अकर्म और अकर्म में कर्म देखने वाले हैं अद्भुत योगी
कर्म में अकर्म और अकर्म में कर्म देखने वाले हैं अद्भुत योगी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
Neeraj Agarwal
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
ये करुणा भी कितनी प्रणय है....!
ये करुणा भी कितनी प्रणय है....!
singh kunwar sarvendra vikram
धुप सी शक्ल में वो बारिश की बुंदें
धुप सी शक्ल में वो बारिश की बुंदें
©️ दामिनी नारायण सिंह
*राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)*
*राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
करवा चौथ का चांद
करवा चौथ का चांद
मधुसूदन गौतम
नसीब की चारदीवारी में कैद,
नसीब की चारदीवारी में कैद,
हिमांशु Kulshrestha
" दीया सलाई की शमा"
Pushpraj Anant
कुछ तो सोचा होगा ख़ुदा ने
कुछ तो सोचा होगा ख़ुदा ने
Shekhar Chandra Mitra
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Neha
#तेरा इंतज़ार है
#तेरा इंतज़ार है
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
गीत- ये विद्यालय हमारा है...
गीत- ये विद्यालय हमारा है...
आर.एस. 'प्रीतम'
थोड़ी है
थोड़ी है
Dr MusafiR BaithA
एक ग़ज़ल यह भी
एक ग़ज़ल यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
समझो अपने आप को
समझो अपने आप को
Dheerja Sharma
..
..
*प्रणय*
जो भी मिलता है उससे हम
जो भी मिलता है उससे हम
Shweta Soni
लाल और उतरा हुआ आधा मुंह लेकर आए है ,( करवा चौथ विशेष )
लाल और उतरा हुआ आधा मुंह लेकर आए है ,( करवा चौथ विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
कभी किसी की सादगी का
कभी किसी की सादगी का
Ranjeet kumar patre
" आफ़ताब "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...