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2 Feb 2017 · 1 min read

क्या हसीं मोड़ पे जीवन की कहानी……..

क्या हसीं मोड़ पे जीवन की कहानी आई
बात बिगड़ी हुई हमको न बनानी आई ।

उसने मुड़ मुड़ के कई बार हमें देखा था
बाद उसके न कभी रुत वो सुहानी आई।

आज उम्मीद का सूरज भी छुपा बादल में
ढल चुकी शाम न फिर रात की रानी आई।

यूं तो रह रह के मचलती रहीं हसरत अपनी
दिल से बाहर वही ग़ज़लों की ज़ुबानी आई ।

आँख मिलते ही चिरागां सा हुआ था लेकिन
फिर उसे और न हमें बात बढ़ानी आई ।– आरसी

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