क्या हसीं मोड़ पे जीवन की कहानी……..
क्या हसीं मोड़ पे जीवन की कहानी आई
बात बिगड़ी हुई हमको न बनानी आई ।
उसने मुड़ मुड़ के कई बार हमें देखा था
बाद उसके न कभी रुत वो सुहानी आई।
आज उम्मीद का सूरज भी छुपा बादल में
ढल चुकी शाम न फिर रात की रानी आई।
यूं तो रह रह के मचलती रहीं हसरत अपनी
दिल से बाहर वही ग़ज़लों की ज़ुबानी आई ।
आँख मिलते ही चिरागां सा हुआ था लेकिन
फिर उसे और न हमें बात बढ़ानी आई ।– आरसी