” क्या सच और क्या धोखा है ! “
मैंने खुद को नहीं ,
मेरे हृदय ने मुझे रोका है ।
क्योंकि सिर्फ यही जानता है ,
क्या सच और क्या धोखा है !
– ज्योति
मैंने खुद को नहीं ,
मेरे हृदय ने मुझे रोका है ।
क्योंकि सिर्फ यही जानता है ,
क्या सच और क्या धोखा है !
– ज्योति