Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2024 · 1 min read

क्या रखा है???

क्या रखा है???
जी भर कर जी लो बचपन में बचपन फिर ना आएगा
क्या रखा है फोन में जीवन तुम्हारा खो जाएगा।

अभी सुन लो दादी अम्मा से सबकी नादानियां फिर बड़े हो जाओगे तो नहीं सुन पाओगे कहानियां,
जी भर के जी लो बचपन फिर ना आएगा
क्या रखा है फोन में जीवन तुम्हारा खो जाएगा।

बढ़ जाएगी कंधे पर जब तुम्हारे जिम्मेदारियां
फिर राजा रानी और परियों की दबकर रह जाएगी कहानी
जी भरकर जी लो बचपन फिर ना आएगा
क्या रखा है फोन में जीवन तुम्हारा खो जाएगा।

तरसोगे तब बातें करने को दादी अम्मा जब सो जाएगी लाख जतन करने पर सामने से कोई आवाज ना आएगी
जी भर कर जी लो बचपन फिर ना आएगा
क्या रखा है फोन में जीवन तुम्हारा खो जाएगा।
स्वरचित कविता
सुरेखा राठी

2 Likes · 29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खुद से मुहब्बत
खुद से मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मुक्तक... छंद हंसगति
मुक्तक... छंद हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
Rj Anand Prajapati
जो बीत गया उसकी ना तू फिक्र कर
जो बीत गया उसकी ना तू फिक्र कर
Harminder Kaur
थप्पड़ एक किसान का खाकर
थप्पड़ एक किसान का खाकर
Dhirendra Singh
हावी दिलो-दिमाग़ पर, आज अनेकों रोग
हावी दिलो-दिमाग़ पर, आज अनेकों रोग
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Scattered existence,
Scattered existence,
पूर्वार्थ
जीवन ज्योति
जीवन ज्योति
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
आदमी खरीदने लगा है आदमी को ऐसे कि-
आदमी खरीदने लगा है आदमी को ऐसे कि-
Mahendra Narayan
मैं आदमी असरदार हूं - हरवंश हृदय
मैं आदमी असरदार हूं - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
मुद्दा
मुद्दा
Paras Mishra
2336.पूर्णिका
2336.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
■आज का सवाल■
■आज का सवाल■
*प्रणय प्रभात*
दीवार का साया
दीवार का साया
Dr. Rajeev Jain
नाम सुनाता
नाम सुनाता
Nitu Sah
हर हर महादेव की गूंज है।
हर हर महादेव की गूंज है।
Neeraj Agarwal
तुम्हारी आँखें...।
तुम्हारी आँखें...।
Awadhesh Kumar Singh
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
चिंगारी बन लड़ा नहीं जो
AJAY AMITABH SUMAN
झूठ की टांगें नहीं होती है,इसलिेए अधिक देर तक अडिग होकर खड़ा
झूठ की टांगें नहीं होती है,इसलिेए अधिक देर तक अडिग होकर खड़ा
Babli Jha
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
Bhupendra Rawat
नास्तिक
नास्तिक
ओंकार मिश्र
बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है
बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है
Manisha Manjari
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
Raju Gajbhiye
मैने प्रेम,मौहब्बत,नफरत और अदावत की ग़ज़ल लिखी, कुछ आशार लिखे
मैने प्रेम,मौहब्बत,नफरत और अदावत की ग़ज़ल लिखी, कुछ आशार लिखे
Bodhisatva kastooriya
संकल्प
संकल्प
Davina Amar Thakral
"हम मिले थे जब, वो एक हसीन शाम थी"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
जब ज़रूरत के
जब ज़रूरत के
Dr fauzia Naseem shad
"घर बनाने के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
पहला सुख निरोगी काया
पहला सुख निरोगी काया
जगदीश लववंशी
Loading...