क्या मेरी कहानी लिखे कोई
क्या मेरी कहानी लिखे कोई
अंखियों से बरसू में होके पानी
जब भी टूटे दिल किसी का
अश्कों में पिघलती है वफ़ाई
कभी ग़म में तो कभी खुशियों में
बहती दो नदियों में
पहचान पाए क्या कोई मुझको
बरसी बूंदें किस खुशियों में
मोल इस दुनिया में मेरा क्या हैं
जो रोये अक्सर वो ही जाने
पत्थर दिल क्या समझें मुझको
अंखियों से जिनकी नफ़रत बहें
सूख जाते हैं हम भी एक दिन
जब घांव दिल पर बार बार पड़े
अश्क हैं हम मोतीयों से अनमोल
फिर भी लोग सिर्फ पानी पुकारें