Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2018 · 1 min read

क्या मदन ये सारी दुनिया है बिरोधाभास की

नरक की अंतिम जमीं तक गिर चुके हैं आज जो
नापने को कह रहे हमसे वो दूरियाँ आकाश की

आज हम महफूज है क्यों दुश्मनों के बीच में
दोस्ती आती नहीं है रास अब बहुत ज्यादा पास की

बँट गयी सारी जमी ,फिर बँट गया ये आसमान
क्यों आज फिर हम बँट गए ज्यों गड्डियां हो तास की

इस कदर भटकें हैं युबा आज के इस दौर में
खोजने से मिलती नहीं अब गोलियां सल्फ़ास की

हर जगह महफ़िल सजी पर दर्द भी मिल जायेगा
अब हर कोई कहने लगा है आरजू बनवास की

मौत के साये में जीती चार पल की जिंदगी
क्या मदन ये सारी दुनिया है बिरोधाभास की

क्या मदन ये सारी दुनिया है बिरोधाभास की
मदन मोहन सक्सेना

Language: Hindi
454 Views

You may also like these posts

थोड़ा और
थोड़ा और
Varun Singh Gautam
मेरा सपना
मेरा सपना
Adha Deshwal
बदनाम ये आवारा जबीं हमसे हुई है
बदनाम ये आवारा जबीं हमसे हुई है
Sarfaraz Ahmed Aasee
जय माँ ब्रह्मचारिणी
जय माँ ब्रह्मचारिणी
©️ दामिनी नारायण सिंह
एहसासों को अपने अल्फ़ाज़ देना ,
एहसासों को अपने अल्फ़ाज़ देना ,
Dr fauzia Naseem shad
कोई पूछे मुझसे
कोई पूछे मुझसे
Swami Ganganiya
देशभक्ति कविता
देशभक्ति कविता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
* फागुन की मस्ती *
* फागुन की मस्ती *
surenderpal vaidya
बुंदेली दोहा-पीपर
बुंदेली दोहा-पीपर
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सपने
सपने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
त्योहारी मौसम
त्योहारी मौसम
Sudhir srivastava
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
..
..
*प्रणय*
"मुफलिसी"
Dr. Kishan tandon kranti
गीत- इरादे नेक हों जिसके...
गीत- इरादे नेक हों जिसके...
आर.एस. 'प्रीतम'
रमेशराज का एक पठनीय तेवरी संग्रह “घड़ा पाप का भर रहा ” +डॉ. हरिसिंह पाल
रमेशराज का एक पठनीय तेवरी संग्रह “घड़ा पाप का भर रहा ” +डॉ. हरिसिंह पाल
कवि रमेशराज
*कविवर श्री जितेंद्र कमल आनंद (कुंडलिया)*
*कविवर श्री जितेंद्र कमल आनंद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मुझे किसी को रंग लगाने की जरूरत नहीं
मुझे किसी को रंग लगाने की जरूरत नहीं
Ranjeet kumar patre
The sky longed for the earth, so the clouds set themselves free.
The sky longed for the earth, so the clouds set themselves free.
Manisha Manjari
भव्य भू भारती
भव्य भू भारती
लक्ष्मी सिंह
मम्मी पापा के छांव
मम्मी पापा के छांव
राधेश्याम "रागी"
खुशी
खुशी
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
चाँद पूछेगा तो  जवाब  क्या  देंगे ।
चाँद पूछेगा तो जवाब क्या देंगे ।
sushil sarna
धनतेरस किसी भी व्यक्ति द्वारा किए गए धन प्रदर्शन का एक त्योह
धनतेरस किसी भी व्यक्ति द्वारा किए गए धन प्रदर्शन का एक त्योह
Rj Anand Prajapati
मेरी जीत की खबर से ऐसे बिलक रहे हैं ।
मेरी जीत की खबर से ऐसे बिलक रहे हैं ।
Phool gufran
डॉ0 रामबली मिश्रबली मिश्र के दोहे
डॉ0 रामबली मिश्रबली मिश्र के दोहे
Rambali Mishra
लहरों पर होकर सवार!चलना नही स्वीकार!!
लहरों पर होकर सवार!चलना नही स्वीकार!!
Jaikrishan Uniyal
Ice
Ice
Santosh kumar Miri
4310.💐 *पूर्णिका* 💐
4310.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्यार कर रहा हूँ मैं - ग़ज़ल
प्यार कर रहा हूँ मैं - ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Loading...